तकनीकी एवं तकनीकी इस्तेमाल करने में भारत देश काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है और इनमें अब शहर ही नहीं बल्कि गांव भी अपनी तकनीकी का इस्तेमाल करके आगे बढ़ना है इसी कड़ी में श्रंखला में उड़ीसा का एक ऐसा मामला सामने आया जिसे देख हर कोई हैरान रह गया जहां एक दिव्यांग व्यक्ति तक उसकी पेंशन पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, बल्कि खुद उस दिव्यांग व्यक्ति को भी इस बात से हैरानी हुई कि आखिर उसके पास से पैसे कहां से आए।
घने जंगलों से घिरा था गांव
दरअसल राज्य की मधुबाबू पेंशन योजना के लाभ लाभार्थी दिव्यांग सतनामी जी ने बताया कि सरपंच ने ड्रोन की मदद से उन्हें पेंशन के पैसे भेजें जो क्योंकि यहां का पंचायत कार्यालय गांव से करीब 2 किलोमीटर दूर और घने जंगलों से घिरा हुआ है जिसकी वजह से उन्हें आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था,सरपंच सरोज अग्रवाल ने कहा कि सतनाम जी बचपन से ही दिव्यांग है चल फिर नहीं सकते लेकिन अपनी पेंशन के लिए वह 2 किलोमीटर दूर पंचायत भवन तक आते थे जो कि उनके लिए काफी मुश्किल भरा कार्य था।
ड्रोन से पहुंचाया पेंशन
सरपंच सरोज अग्रवाल ने बताया कि सतनाम की ऐसी हालत देख और उनके कठिनाइयों को समझ में न आए उन्होंने ऑनलाइन ड्रोन आर्डर करके मंगाया और सतनाम तक पेंशन पहुंचाया, सतनाम इस तकनीकी को देखकर काफी खुश हैं और उन्हें इस तकनीकी के इस्तेमाल से काफी संतुष्टि भी मिली और उनकी परेशानियां बहुत हद तक कम हो गई, सतनाम ने बताया कि उन्हें इस बात की खबर भी ना थी कि यह पैसे उनके पेंशन के हैं जो कि ड्रोन के थ्रू उन तक सरपंच ने पहुंचाए थे।